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इतिहास इतिहास इति+ह+आस् शब्दों के मेल से बना हुआ है। जिसका अर्थ है ऐसा निश्चित रूप से हुआ। अर्थात बीती हुई घटनाओं को हम इतिहास कहते हैं। किन्तु अतीत की सभी घटनाओं को इतिहास नही कह सकते हैं।’’प्रमाणिक स्रोतों पर आधारित अतीत के क्रमबद्ध ज्ञान को इतिहास कहते हैं।’’ व्यूरी ने इतिहास को विज्ञान कहा है। इनके अनुसार- ’इतिहास
गुप्तोत्तर काल गुप्तोत्तर काल छठी शताब्दी के मध्य अर्थात् 550 ई0 के लगभग गुप्त साम्राज्य के विखंडन के बाद एक बार पुनः भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में विकेन्द्रीकरण और विभाजन की प्रवृत्तियाँ सक्रिय हो उठीं। इस काल में अनेक सामंतों एवं शासकों ने अपनी स्वतंत्रता घोषित कर दी और स्वतंत्र राजवंशों की स्थापना की। हर्षवर्द्धन
गुप्त साम्राज्य के अन्तर्गत प्रशासन (Administration Under Gupta Dynasty) : गुप्तकालीन शासकों ने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया था। पाटलिपुत्र इस विशाल साम्राज्य की राजधानी थी। गुप्त शासकों ने उन क्षेत्रों के प्रशासन में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जहाँ के शासकों ने उनके सामन्तीय आधिपत्य को स्वीकार कर लिया था, किन्तु इसका यह तात्पर्य
गुप्त साम्राज्य (Gupta Dynasty) चैथी सदी ई0 के प्रारम्भ में भारत में कोई बड़ा संगठित राज्य अस्तित्व में नहीं था। यद्यपि कुषाण एवं शक शासकों का शासन चैथी सदी ई0 के प्रारंभिक वर्षों तक जारी रहा, लेकिन उनकी शक्ति काफी कमजोर हो गयी थी और सातवाहन वंश का शासन तृतीय सदी ई0 के मध्य