कंकाल तन्त्र (Skeletal System) |
कंकाल की रचना में हड्डियों के अतिरिक्त कुछ स्थानों पर कार्टिलेज या उपास्थि का भी योग रहता है। कंकाल को दो मुख्य भागों में बाँटा गया है- (1) अक्षीय कंकाल (Axial Skeleton) :- जिसमें शरीर के दीर्घ एवं लम्बे एक्सिस में विद्यमान हड्डियाँ आती हैं। इसमे कपाल या खोपड़ी (Skull) उरोस्थि तथा पसलियाँ (Arwe Num Ribes) मेरुदण्ड (Vertebral Cloumn) कण्ठिका अस्थि (Hyiod Bone) है। (2) अनुबन्धी कंकाल(Appendicular Skeleton) :- में ऊपर और नीचे की शाखाएं (Upper and Lower Limbs) तथा उनकी मेखलाएँ (Girdles) होती हैं। इनके अतिरिक्त प्रत्येक कान के मध्य भाग में तीन छोटी-छोटी अस्थियाँ होती हैं। अस्थियों को दीर्घ, लघु, चपटी, बेडौल एवं सीजेमौयड अस्थियों में बाँटा गया है। कपाल (Skull) :- के दो मुख्य भाग हैं – क्रेनियम (Cranium) जो 8 हड्डियों का बना होता है तथा आनन कंकाल (Facial Skeleton) जो 14 अड्डियों का बना होता है। कपाल का ऊपरी पृष्ठ कपाल तोरण (Vault of the Skull) तथा निम्न पृष्ठ कपाल आधार (Base of the Skull) कपाल अस्थियों में एक आक्सिपिटल दो टेम्पोरल (शंखास्थि), दो पेराइटल (पाश्र्विका), एक स्फीनौयड (जतूक), एक फ्रंटल (ललाट), एक एथ्मौयड (झर्झरिका) आती हैं। आक्सिपिटल कपाल गुहा के पिछले तथा नीचे के भाग में पायी जाती हैं इसमें ’महारन्ध्र’ नामक छिद्र होता है जिससे होकर सुषुम्ना शीर्ष मेरूरज्ज या सुषुम्ना (Spinal Coad) से मिलता है पैराइटल अस्थियां :- खोपड़ी की छत तथा दायाँ और बायाँ भाग बनाती हैं। टेम्पोरल अस्थियाँ खोपड़ी के दोनों ओर का निम्न भाग बनाती हैं। प्रत्येक अस्थि के दो भाग होते हैं-स्क्वेमस तथा मैस्टायेड। एथमौयड वोन (Ethmoid Bone):- दोनों नेत्रों के बीच नाक की छत पर स्थित रहती है। सन्धियों के तीन प्रमुख समूह हैं – कशेरुक दण्ड (Vertehral column)यह पीठ की मध्य रेखा में सिर से धड़ के निचले छोर तक फैली लगभग 61-71 सेमी लम्बी छड़नुमा अस्थीय संरचना होती है। कशेरुक दण्ड का निर्माण 33 कशेरुकाओं से होता है। कशेरुक दण्ड के निम्न भाग हैं-
स्तनधारियों तथा अन्य सभी कशेरुकियों में कंकाल का निर्माण मीसोडर्म (Mesoderm) जनन स्तर से होता है। कंकाल संयोजी ऊतक का ही एक प्रकार है। कंकाल की रचना दो प्रकार के ऊतक से होती है-अस्थि (Bone) तथा उपास्थि (Caetilage) कंकाल तन्त्र की लम्बी एवं खोखली अस्थियों में रुधिर कोशिकाओं का निर्माण होता है, जैसे फीमर, ह्यूमरस आदि। रक्त कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया को ’हीमोपोएसिस’ (Haemopoiesis) कहते हैं। कंकाल तन्त्र कैल्शियम तथा फास्फोरस के भण्डार गृह की भाँति कार्य करता है। आवश्यकता पड़ने पर कैल्शियम तथा फास्फोरस रुधिर में मुक्त कर दिये जाते हैं। लोवर लिम्ब (अध: शाखा) :- 31 अस्थियों से बनी होती है-एक इत्रोमोनेट (Innomonate) अस्थि, एक पाटेला (Pateall) एक फीमर (Femuur) सात टार्सल अस्थियाँ, एक टिबिया, पाँच मेटाटार्सल अस्थियाँ, एक फिबुला, चैदह अंगुल्यस्थियाँ। फीमर :- शरीर की सबसे लम्बी अस्थि जो नितम्ब संधि बनाने के लिए एसिटेबुलम से जुड़ी रहती है। घुटने पर यह अस्थि टिबिया से जुड़ती हैं। नोट:-
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